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हे कलाम……तुम्हे सलाम

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हे कलाम.. तुम्हे सलाम, तुमको शत शत नमन.
देखते ही देखते विदा हो गए छोड़ कर राष्ट्र चमन.
तुमको शत शत नमन, तुमको शत शत नमन.

निर्धन थे परिवार से धनी ह्रदय के काया,
करके बाधा दूर सदा जीवन सफल बनाया,
देते सन्देश सदा शांति का आगे बढ़ना सदा सिखाया,
सपनो को पूरा करने का हौसला मन में सदा जगाया,
धर्म जाति मजहब से दूर अपनाया सदा अमन,
तुमको शत शत नमन, तुमको शत शत नमन.

देश की गरिमा विश्व सामने विकसित रूप दिया है,
गर्व सदा हमको होगा तुमने राष्ट्रहित में जो किया है,
रॉकेट लान्चर तुमने बनाये, कितने मिसाईल तुमने बनाये,
जीने का सन्देश बताकर, भारत माँ के सपने सच कर दिखाए,
बना मुरीद विश्व आज है भारत का जन जन,
तुमको शत शत नमन, तुमको शत शत नमन.

सदा समर्पण भारत के प्रति मन, भेदभाव की बात नहीं,
जो मिला प्रेम से उसके हो गए पूछी उसकी जात नहीं,
हम कब सीखेंगे कैसे समझेंगे नायक तेरी बातों को,
कैसे समृद्धि बनेगा भारत बिन समझे जज्बातों को,
आँखों में भरकर अश्रु समर्पित करते श्रद्धा सुमन,
तुमको शत शत नमन, तुमको शत शत नमन.

हे कलाम.. तुम्हे सलाम, तुमको शत शत नमन.
देखते ही देखते विदा हो गए छोड़ कर राष्ट्र चमन.
तुमको शत शत नमन, तुमको शत शत नमन.

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